महासमुंद जिले के बसना विकासखण्ड के ग्राम पंचायत अंकोरी का मामला : रोजगार सहायक नवीन साव को तत्काल बर्खास्त करने की मांग
फिरोज खान संभाग प्रमुख रायपुर
Sun, Dec 14, 2025
भ्रष्टाचार और मनमानी का आरोप: अंकोरी के रोजगार सहायक को तत्काल बर्खास्त करने की मांग
महासमुंद। जिले के बसना विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अंकोरी के लगभग 40 पीड़ित हितग्राहियों ने रोजगार सहायक नवीन साव पर प्रधानमंत्री आवास योजना और भूमि सुधार कार्यक्रमों में व्यापक अनियमितता, सरकारी राशि के गबन और अवैध उगाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। हितग्राहियों ने जिला प्रशासन और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से एक माह बाद भी कार्रवाई न होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल उच्च स्तरीय जाँच समिति गठित कर दोषी सहायक को सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है।
₹10,000 तक की अवैध उगाही का आरोप
ग्रामीणों द्वारा लगाए गए सबसे गंभीर आरोपों में से एक है भूमि सुधार कार्यक्रम (मेड़बन्दी) में अवैध वसूली। हितग्राहियों का आरोप है कि रोजगार सहायक नवीन साव ने प्रत्येक लाभार्थी से ₹2,000/- से लेकर ₹10,000/- तक की राशि की अवैध रूप से उगाही की है।
शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि:
राशि न देने पर कई स्वीकृत हितग्राहियों की राशि को फ्रीज़ या कैंसिल कर दिया गया।
हितग्राहियों से नगद राशि लेने के बाद उसे खाते में जमा नहीं किया गया, जिसके कारण श्रीमती मालती नेताम सहित कई अन्य लोगों के खाते ब्लॉक हो गए, जिससे वे अपनी मेहनत की राशि नहीं निकाल पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना और सरकारी राशि का गबन
रोजगार सहायक पर सरकारी राशि के गबन और धोखाधड़ी के भी पुख्ता आरोप हैं।
आवास योजना में धांधली: आवेदिका श्रीमती भगवती सुरजाल के नाम पर स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि धोखे से ग्राम की ही दूसरी महिला भाग्यवती बाघ को दे दी गई, जबकि भाग्यवती बाघ पहले से ही योजना का लाभ ले चुकी थीं।
परिवार के खातों से गबन: एक अन्य मामले में, ढाबाबाई डड़सेना के नाम स्वीकृत आवास योजना की राशि को गबन करने के लिए उनके परिवार के 03 सदस्यों—जिसमें सहायक के पिता अरुण साहू भी शामिल हैं—के खातों का दुरुपयोग किया गया।
इसके अलावा, मनरेगा मजदूरों के मजदूरी भुगतान में अनियमितता और मजदूरों की राशि को स्वयं खर्च कर गबन करने के भी आरोप लगाए गए हैं।
प्रशासनिक निष्क्रियता पर नाराजगी
पीड़ितों ने अपनी शिकायत जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जनपद पंचायत सीईओ, सांसद रूप कुमारी चौधरी और बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल को सौंपी थी।
हितग्राहियों ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "शिकायत के एक माह बीत जाने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा अब तक इस मामले में किसी भी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया गया है। यह शासन-प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है।"
उच्च स्तरीय जाँच और बर्खास्तगी की मांग
हितग्राहियों ने एकजुट होकर मांग की है कि रोजगार सहायक नवीन साव की संपूर्ण गतिविधियों की उच्च स्तरीय जाँच समिति का गठन किया जाए। यह जाँच निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और ग्रामवासियों की उपस्थिति में निष्पक्षता से की जाए और दोषी पाए जाने पर सहायक सचिव की आड़ में भ्रष्टाचार कर रहे रोजगार सहायक नवीन साव को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जाए, ताकि ग्रामवासियों को राहत मिल सके।
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