
सोमवती आमवस्या 20 फरवरी को मनाई जा रही है। यह दिन पितरो को समर्पित किया गया है इस दिन खासतौर पर पितरो को भोग लगाया जाता है ताकि उनका आशीर्वाद सदेव घर पर अवश्य बना रहे। अगर पितृ नाराज हो जाते है तो घर में कई तरह परेशानिया खड़ी हो जाती है।
अपने वंश को आगे बढ़ाने में दिक्कत आती है। ऐसे में इस दिन कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए। नहीं तो आपके घर पर पितृ दोष लग सकता है। तो आइए जानते है इन नियमो के बारे जिनमे एहतियात बरतना चाहिए।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या ना करें
इस दिन पितरो का अनादर भूलकर भी न करे। इस दिन स्नान करने के बाद पितरों को तर्पण जरूर करें। पितरो को तर्पण देने के पक्ष में एक धर्मिक मान्यता होती है की उनके लोक में पानी की कमी नहीं होती है। जिसके कारण उन्हें पानी पिलाया जाता है।
इस दिन आप अगर गाय, कौआ और कुत्ते को भोजन कराते हैं तो पितर प्रसन्न होंगे। इस दिन आप किसी जीव को कष्ट पहुंचाने का काम ना करें नहीं तो पितर नाराज हो सकते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन मांस, मदिरा का सेवन न करें। यह आपकी और परिवार की उन्नति में बाधक उत्पन्न करते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन इन नियमों का पालन करके आपको पितरों का आशीर्वाद लेने का मौका नहीं छोड़ना चाहिए।
इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना अच्छा माना गया है। इसके अलावा इस दिन शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे- काले जूते, काली उड़द, छाता, सरसों तेल का दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए वट वृक्ष में जल देकर उसकी परिक्रमा की जाती है। इसके अलावा इस दिन जरुरतमंदों के बीच दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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