जम्मू कश्मीर के बारामूला में रविवार 24 दिसंबर को सुबह आतंकियों ने रिटायर्ड एसएसपी मोहम्मद शफी की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार पूर्व एसएसपी उस वक्त मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे।
आतंकियों ने मस्जिद में घुसकर गोलियां चलाईं। फायरिंग कर आतंकी फरार हो गए। इधर सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।
हमले में घायल रिटायर्ड एसएसपी को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई। जम्मू कश्मीर में पिछले 4 दिनों में आतंकियों की गोलीबारी की यह तीसरी घटना है। इससे पहले कल 23 दिसंबर को अखनूर में बाॅर्डर क्राॅस करते आतंकियों को सेना ने गोली मार दी थी। सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान कैमरे में कुल 4 आतंकी नजर आ रहे थे। वहीं 21 दिसंबर को राजौरी में आतंकियों ने अमरीकी असाॅल्ट राइफल से सेना के काफिले को निशाना बनाया था। जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। वहीं 2 अन्य जवान घायल हो गए।
रक्षा विशेषज्ञों की माने तो सेना की सख्ती के चलते आतंकी बाॅर्डर पार नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी टारगेट किलिंग कर सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटकाना चाहते हैं। ताकि बाॅर्डर पार लाॅन्चिंग पैड में तैयार बैठे आतंकी भारत में प्रवेश कर सके। वहीं इस हमले के पीछे दो और कारण बताए जा रहे हैं।
पहला- धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान तमतमाया हुआ है। उसे लगता है कि अब भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएगी। जिससे उनकी आतंक की फैक्ट्री हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। वहीं सरकार बनने के बाद स्थायी शांति का दौर लौटेगा। जिससे वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। इस कारण स्थानीय और भटके हुए युवा आंतकी नहीं बन पाएंगे।
दूसरा- जम्मू कश्मीर को लेकर शीतकालीन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने दो बिल पेश किए थे जिसमें पीओके से आए शरणार्थियों और पीओके के लिए रिजर्व सीटों की व्यवस्था की गई। ऐसे में आतंकी बौखलाए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में टूरिस्टों की बढ़ती संख्या और लोगों को रोजगार मिलने से भी आतंकी आका परेशान है।
तीसरा- जम्मू-कश्मीर में आतंक का एक पैटर्न रहा है जिसमें सर्दियों में बर्फबारी के कारण आतंकी आसानी से सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में हो सकता है कि कुछ आतंकी बर्फबारी के शुरुआती दिनों में भारत में प्रवेश कर गये हो। क्योंकि अन्य राज्यों में चैकसी और सुरक्षा के चलते वे घटनाओं को अंजाम नहीं दे पाते हैं। ऐसे में छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम देकर टारगेट किलिंग को फिर से शुरू करना चाहते हैं।
बता दें कि एक महीने पहले भी कश्मीर में आतंकियों ने इसी तरह से टारगेट किलिंग करते हुए एक हेड काॅन्स्टेबल और पुलिस इंस्टपेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद एक यूपी के मजदूर को भी गोली मारी थी। इससे पहले भी कई कश्मीरी पंडितों को आतंकी अपनी गोलियों से निशाना बना चुके थे।
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