शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का 99 वर्ष की आयु में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में निधन हो गया। नरसिंहपुर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में स्वामी जी ने अंतिम सांस ली। वह कई दिन से बीमार चर रहे थे। इनका जन्म 2 सितंबर 1924 को हुआ था।
आजादी की लड़ाई में भाग लिया था और जेल भी गए थे। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। द्वारका पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था।शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का जन्म सिवनी जिले के पास दिघोरी गांव में हुआ था।
1982 में गुजरात में द्वारका शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बन गए थे। बचपन का नाम पोथीराम उपाध्याय था। 9 साल की उम्र में घर छोड़ दी थी। धर्म की ओर रुख कर लिया था। उत्तर प्रदेश के काशी में वेद और शास्त्रों की शिक्षा और दीक्षा ली थी।
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