
- Shani ke Upay – ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि की साढ़े साती और ढैय्या मानव जीवन के लिए बहुत दुखदायी साबित होता है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में अगर शनि दोष है तो उसका जीवन परेशानियों से भरा रहता है, हर तरफ से उसे कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मानव जीवन में ऐसे कई खास मौके भी आते हैं, जब व्यक्ति शनि के दोष या शनि की साढ़े साती या ढैय्या से छुटकारा पा सकता है। एक ऐसा ही खास मौका 24 जुलाई को दस्तक देने वाला है। जी हां आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन आप कुछ खास उपाय अपना कर शनि दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को Guru Purnima मनाई जाती है, जो महाभारत के रचियता महर्षि वेद व्यास की जन्मतिथि भी है। महर्षि व्यास को आदिगुरू माना गया है, इसलिए उनके जन्म की तिथि गुरू पूर्णिमा के तौर पर मनाते हैं। इस बार की गुरू पूर्णिमा के मौके पर गुरू के साथ-साथ शनि देव को प्रसन्न करने का भी विशेष संयोग बन रहे हैं। इस दौरान अगर आप कुछ विशेष उपाय अपना लेते हैं, तो आपके ऊपर से शनि दोष हट जाएगा एवं शनिदेव आप पर अपनी कृपा दृष्टि डालेगें।
व्यक्ति की कुंडली में शनि की ढैय्या और साढ़े साती उसके जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती है। ऐसे में व्यक्ति का हर बनता काम बिगड़ जाता है, चारो तरफ सिर्फ नुकसान ही नुकसान होता है। अगर आपकी कुंडली में भी शनि कुछ इस तरह से विराजमान हैं, तो Guru Purnima पर बन रहे योग आपकी इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। इन उपायों को करने से उन्हें शनि के प्रकोप से बहुत राहत मिलेगी। इतना ही नहीं राशियों पर भी शनि की क्रू दृष्टि से मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में साढ़े साती झेल रहीं धनु, मकर और कुंभ, साथ ही ढैय्या झेल रहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों को कुछ उपाय कर लेने चाहिए। चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
शनि के दोष से मुक्ति पाने के लिए Guru Purnima के दिन पीपल के पेड़ के चारों तरफ 7 बार परिक्रमा करते हुए ऊॅं शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
जल में काले तिल को मिलाकर उससे शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव जी की पूजा करने से शनि ग्रह का अशुभ असर कम होने लगता है।
शनिवार के दिन किसी भी काले कुत्ते को सरसों की तेल लगी रोटी खिला दें। गरीबों को सरसों का तेल लोहे से बनी चीज और काली दाल दान करें।
सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं एवं शनि मंदिर में भी एक दीपक रख दें।
हनुमान जी के सामने भी दिया जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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