एमपी न्यूज लाइव -: सिवनी जिले में 66 धान खरीदी केन्द्रों पर गुरुवार को खरीदी प्रभारी और केन्द्र के कर्मी किसानों का इंतजार करते रहे, लेकिन किसी भी केन्द्र में कोई पंजीकृत किसान नहीं पहुंचा। इस तरह से पहले दिन किसानों से धान खरीदी की स्थिति शून्य रही। बता दें कि जिले में इस साल 62790 किसानों ने सरकारी केन्द्रों पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है।
नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक विख्यात ङ्क्षहडोलिया ने बताया कि गुरुवार को केन्द्रों को तय समय पर खोला गया। सभी केन्द्र में तौल कांटे, बारदाने, बिछाई, बैठक व्यवस्था, विद्युत, पेयजल और अन्य व्यवस्था बनाई गई हैं। केन्द्र में पूरे दिन किसान नहीं पहुंचे। कहा कि शनिवार और रविवार को अवकाश होने से खरीदी केन्द्र बंद रहेंगे। अब सोमवार को ही किसानों के पहुंचने की उम्मीद है।
मौसम में ठण्डक का असर
पिछले पांच दिनों से मौसम बदला हुआ है। बारिश और कोहरे का असर फसल पर भी हुआ है। धान पर नमी पडऩे से किसान उपज को सुखाने में लगे हुए हैं, क्योंकि खरीदी केन्द्रों पर निर्धारित एफएक्यू से अधिक नमी होने पर किसानों की उपज रिजेक्ट कर दी जाती है, ऐसे में किसानों को परेशानी होती है। जिससे किसान केन्द्र में जाने से पहले धान को सुखा रहे हैं।
पूजन के बाद होती खरीदी की शुरुआत
परम्परा रही है कि धान खरीदी केन्द्र में पहली तुलाई करने के पूर्व किसानों की मौजूदगी में तौलकांटे पर तिलक लगाकर, नारियल तोड़ पूजन किया जाता है। सभी किसान, हम्माल व केन्द्र के कर्मियों को प्रसाद वितरण होता है। इसके बाद बारदानों में धान भरकर तुलाई की जाती है। किसान व धान की आवक नहीं होने से फिलहाल पूजन नहीं हो पाया।
सिमरिया मंडी में खुले में पड़ा किसानों का मक्का
कृषि उपज मंडी सिमरिया में मौसम साफ होते ही एक बार फिर मक्का बेचने वाले किसानों की आवक बढ़ गई है। ऐसे में मंडी प्रशासन के पास मक्का के लॉट (ढेर) सुरक्षित रखने के लिए शेड कम पड़ रहे हैं, जिससे खुले में मक्का के ढेर लगवाए जा रहे हैं। शुक्रवार को मक्का ढेर की नीलामी के दौरान किसानों, हम्मालों ने व्यवस्था को लेकर मंडी प्रशासन से नाराजगी जताई। हम्मालों के हंगामे की स्थिति भी निर्मित हुई, हालांकि मंडी प्रशासन ने उन्हें समझाकर शांत कराया। कहा गया कि जो जरूरी व्यवस्था होनी चाहिए, वह नहीं मिल रही हैं। गौरतलब है कि हर साल कृषि मंडी सिमरिया में व्यापारी, किसान और हम्माल सुविधाओं को लेकर नाराज होते हैं, मंडी प्रशासन व्यवस्था में सुधार का भरोसा तो देता है, लेकिन अब भी सुधार नाकाफी हुए हैं। मंडी परिसर काफी बड़ा है और शेड की संख्या भी अच्छी खासी है, लेकिन शेड में नीलामी के बाद भी किसानों का बिका हुआ माल काफी समय तक रखा रहता है। इससे नए किसानों के लाए गए माल को खुले आसमान के नीचे ही रखना पड़ता है। किसान मंडी में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने का आरोप लगाते रहे हैं। पिछले दिनों हुई बारिश से भी मक्का भीगने की स्थिति निर्मित हुई थी।
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