निश्चित हो किराया, स्वास्थ्य सेवाएं हो बेहतर, मूलभूत सुविधाओं से न जूझे श्रद्धालु की गई अनेकों मांगे*
जुन्नारदेव —– महाशिवरात्रि तक चलने वाले महादेव मेले में भक्तों की सुविधाओं के लिए राष्ट्रीयt मानवाधिकार सुरक्षा परिषद ने कदम उठाए हैं। एस.के.सक्सेना ने मेले का निरीक्षण किया और ग्राम पंचायत छाबड़ा, जनपद पंचायत जुन्नारदेव और आवेदक का आवेदन संलगन हुआ है शासन से निम्नलिखित व्यवस्थाओं की मांग की गई है –
किराया निर्धारित करना* —– वाहन चालक अपनी मनमानी करते हुए श्रद्धालुओं से मनचाहा किराया वसूल करते हैं इसको लेकर मानव अधिकार परिषद ने दमुआ, हिरदागढ़, रेल्वे स्टेशन, पहली पायरी जुन्नारदेव से भुराभगत तक यात्रा के लिए किराया निर्धारित किये जाने की मांग की है। वर्तमान में वाहन चालक लगभग 40 किलोमीटर का से ₹200 किराया वसूल रहे हैं इसे निर्धारित किए जाने की मांग की गई है।
सड़क मरम्मत एवं सुरक्षा* — सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एवं मेला श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा प्रदान करने के लिए मेला मार्ग पर जर्जर हो चुकी सड़क की मरम्मत ग्राम छाबड़ा, गोरखघाट, सांगाखेड़ा, चरानभाटा, गोटोनाला, भूराभगत तक की जाए एवं सुरक्षा के इंतजाम के लिए सुरक्षा संकेतक की व्यवस्था की जाए।
महिला सुरक्षा एवं स्नानग्रह की व्यवस्था* —- मेले के दौरान प्रदेश सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था प्राप्त हो और सामाजिक तत्वों पर कार्यवाही हो साथ ही महिलाओं के लिए स्नानगृह में कपड़े बदलने की व्यवस्था की जाए।
अवैध वसूली लगे रोक* —– मेले के दौरान अनेकों असामाजिक गतिविधियों में संयुक्त लोग मेले में अवैध वसूली कर श्रद्धालुओं को परेशान करते हैं ऐसे में सुप्रसिद्ध महादेव मेले में आने वाले श्रद्धालु लगातार ऐसे सामाजिक तत्वों की अवैध वसूली का शिकार होते हैं और मेले के दौरान आगे भी जाते हैं ऐसी अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने की मांग भी की गई है।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदर करने की मांग*—- मेले के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेला यात्रियों को जुन्नारदेव विधानसभा सहित सतघघरी एवं भूराभगत पर बड़े स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन से मांग की गई है।
परिषद के जिलाध्यक्ष संजय विश्वकर्मा ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि समय को ध्यान में रखते हुए समस्या का शीघ्र निराकरण किया जाए। यह निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है और यह उम्मीद की जाती है कि इससे मेले में आने वाले भक्तों को काफी सुविधा होगी।