कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अब कमजोर पड़ती दिखाई पड़ रही है. कोरोना के मामलों में भले हे कमी आई हो लेकिन खतरा अभी काम नही हुआ है.वही आयुष मंत्रालय ने कोविड से उत्पन्न चुनौतियों के लिए आयुष आधारित दृष्टिकोण समाधान प्रदान करने के लिए एक सामुदायिक सहायता हेल्पलाइन शुरू की है.
आयुष की विभिन्न विभाग- आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी सिद्ध के हेल्पलाइन विशेषज्ञ आम जनता के प्रश्नों के समाधान के लिए उपलब्ध होंगे. ये विशेषज्ञ ना केवल रोगियों को सलाह देंगे बल्कि उन्हें आस-पास आयुष सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में भी मार्गदर्शन करेंगे. टोल-फ्री नंबर 14443 है.
हेल्पलाइन पूरे भारत में सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक-सप्ताह के सभी सातों दिन चालू रहेगी. विशेषज्ञ मरीजों को कोविड -19 पुर्नवास प्रबंधन के दृष्टिकोण का सुझाव भी देंगे. हेल्पलाइन आईवीआर (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस) से लैस है वर्तमान में हिंदी अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है. समय के साथ अन्य भाषाओं को भी जोड़ा जाएगा.
हेल्पलाइन शुरू में एक साथ 100 कॉल उठाएगी भविष्य में आवश्यकता के अनुसार क्षमता बढ़ाई जाएगी. हेल्पलाइन के माध्यम से आयुष मंत्रालय का उद्देश्य कोविड-19 के प्रसार को सीमित करने के लिए समुदाय-व्यापी प्रयास में योगदान करना है. यह प्रयास एनजीओ प्रोजेक्ट स्टेपवन द्वारा समर्थित है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मौजूदा महामारी के दौरान मेजबान रक्षा को मजबूत करने के लिए उनके अद्वितीय दृष्टिकोण के कारण इन प्रणालियों का उपयोग बढ़ गया है. ये कोविड -19 के प्रबंधन में प्रभावी, सुरक्षित, आसानी से सुलभ सस्ती प्रोफिलैक्सिस के रूप में उपयोगी पाए जाते हैं. इसके अलावा, चिकित्सीय क्षमता का भी पता लगाया गया है दो संभावित पॉलीहर्बल फॉमूर्लेशन, आयुष -64, सीसीआरएएस द्वारा विकसित एक आयुर्वेदिक फॉमूर्लेशन सिद्ध प्रणाली के कबसुरा कुदिनीर को हल्के से मध्यम कोविड -19 स्थितियों के प्रबंधन में प्रभावी पाया गया है.
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