एमपी न्यूज छिंदवाड़ा । श्रीरामलीला रंगमंच छोटी बाजार में लीला के तेहरवें दिन कुम्भकर्ण वध एवं मेघनाद वध की लीला खेली गई। मण्डल के अध्यक्ष अरविंद राजपूत ने बताया कि रावण अपने राज दरबार में विराजित रहता है। तभी उसे लक्ष्मण जी के चैतन्य होने की जानकारी प्राप्त होती है। रावण विचार करके अपने अनुज कुम्भकर्ण को जाग्रत करता है। कुम्भकर्ण अपने महल में छः मास की नींद में सोया रहता है। कुम्भकर्ण के जागने के पश्चात रावण उसे पूरी स्थिति से अवगत कराता है।
कुम्भकर्ण रावण को नीति उपदेश देकर जानकी को वापस श्रीराम को सौंपने कहता है, परंतु रावण उसकी एक नहीं सुनता और युद्ध के लिए भेज देता है। इधर राम दल के शिविर में सूचना प्राप्त होती है कि कुम्भकर्ण युद्ध मैदान में राम दल को भयंकर क्षति पहुंचा रहा है। तब भगवान श्रीराम युद्ध के
मुख्य निर्देशक वीरेन्द्र शुक्ल ने बताया कि रावण द्वारा मेघनाद को बुलाया गया एवं युद्ध हेतु आदेशित किया गया। युद्ध में जाने से पूर्व मेघनाद अपनी विजय को सुनिश्चित करने के लिए यज्ञ करता है, परंतु उस यज्ञ को लक्ष्मण जी के नेतृत्व में वानर सेना नष्ट कर देती है। शामली इस तरह पुनः लक्ष्मण एवं मेघनाद के बीच भीषण युद्ध प्रारंभ हो जाता है। मेघनाद युद्ध में अद्वितीय पराक्रम दिखाता है, परन्तु अपनी दृढ़ इच्छा, व्रत एवं वीरता के बल पर लक्ष्मण जी मेघनाद का वध कर देते है। इसके बाद बहुत ही मार्मिक सती सुलोचना प्रसंग की लीला का मंचन हुआ, जिसमें दिखाया गया कि मेघनाद पत्नी सुलोचना श्रीराम के दल ने जाकर अपने पति का शीश मांगती है। इस प्रसंग ने सभी की आंखों में अश्रु भर दिए। श्रीराम सम्मान के साथ मेघनाद के शव को लंका को सौंप देते है।
मार्मिक सती सुलोचना प्रसंग की लीला का हुआ मंचन
मंडल के संरक्षक राजू चारणागर एवं कस्तूरचंद जैन ने बताया कि असत्य पर सत्य की जीत के लिए श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण एवं हनुमान जी के साथ छोटी बाजार श्री रामलीला रंगमंच से ठीक 3:00 बजे दशहरा मैदान के लिए प्रस्थान करेंगे। यह शोभायात्रा छोटी बाजार से प्रारंभ होकर मेन रोड, पुराना छापाखाना से होते हुए बुधवारी बाजार से राज्यपाल चौक से ठीक 05:00 दशहरा मैदान पहुंचेगी। मंडल संरक्षक सतीश दुबे लाला ने बताया कि मंडल के संकल्प के अनुसार व रावण पुतले का दहन श्रीरामचंद्र जी के द्वारा गोधूलि बेला अर्थात 6:30 पर किया जाएगा। इसके पश्चात समिति के आतिशबाजी प्रभारी राहुल द्विवेदी के निर्देशन में इस वर्ष हैदराबाद से आई इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी की जाएगी।
लिए आते है, कुम्भकर्ण और श्रीराम में भीषण युद्ध होता है। श्रीराम द्वारा कुम्भकर्ण का वध किया जाता है।