मधेपुरा बिहार का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इसे 1967 में लोकसभा सीट बनाया गया। देश के लिए चौथी लोकसभा के चुनाव में यहां के लोगों ने पहली बार मतदान किया। दो बार परिसीमन कर इस लोकसभा में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों को बदला गया। जिला मुख्यालय होने के कारण यहां यह क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल में मधेपुरा मिथिला राज्य का हिस्सा था| बाद में मौर्य वंश का भी यहां शासन रहा। यहां कुषाण वंश और मुगलों ने भी राज किया। यह क्षेत्र धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध है। चंडी स्थान, सिंघेश्वर स्थान, श्रीनगर, रामनगर, बसन्तपुर, बिराटपुर और बाबा करु खिरहर आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
मधेपुरा जिला लोकसभा चुनाव को लेकर फुलौत में तीसरे चरण के मतदान में शाम 06 बजे तक 60.3 फीसदी तक वोटिंग दर्ज की गई। जिसमें पुरुषों के तुलना में महिलाओं की संख्या लगभग बराबरी में देखी गई। बता दें कि पहले दो चरण में लोकसभा (India General Elections) की 543 सीट में से 189 सीटों पर मतदान हो चुका है. चौथे, पांचवें, छठे और सातवें चरण के चुनाव क्रमश: 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को होंगे। जबकि मतगणना चार जून को होगी।
फुलौत के उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं कन्या विद्यालय, उच्च विद्यालय तियर टोला सहित चंदा पैना,चौसा कलासन, लौवालगान, जैसे चौसा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में वोटरों की भीड़ सुबह से ही देखी जा रही थी, जो शाम होते-होते थम गया।
वही व्यवस्था की बात करें तो प्रत्येक बूथ पर पुलिस की टीम और पदाधिकारी की वाहन गस्त लगाती दिखी, जबकी बूथों पर एसटीएफ, पारा कमांडों, महिला पुलिस, सहित मेडिकल की टीम और आशा कार्यकर्ताओं की टीम डटी रही । इस चुनाव में खास बात यह रही कि नए वोटर की काफी उत्साह दिखी। मधेपुरा लोकसभा चुनाव में कुल 08 कैंडिडेट ने नामांकन दर्ज कराया था, जिसमें दो दलों के उम्मीदवारों की काफी चर्चा देखी गई, अब देखना यह है कि परिणाम आने के बाद कौन ऐसे उम्मीदवार होते हैं जो जीत का ताज पहनकर संसद की कुर्सी संभालते हैं।
- मधेपुरा: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का‘ से मशहूर मधेपुरा लोकसभा सीट पर आज वोटिंग खत्म हो गई है. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा, सोनबरसा (राज), सहरसा और महिषी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. यहां पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
दिनेश चंद्र यादव बनाम कुमार चंद्रदीप:2024
लोकसभा चुनाव में इस बार जदयू के वर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव का मुकाबला राजद के प्रत्याशी डॉ कुमार चंद्रदीप से है. जहां तक मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र की बात है, यहां से 1989 से 2019 तक मधेपुरा सीट पर राजद और जदयू के प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं.मधेपुरा में मतदाता की संख्या:
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2011766 है.
- पुरुष मतदाताओं की संख्या 1074259 है.
- महिला मतदाताओं की संख्या 996857 है.
- ट्रांसजेंडर की संख्या 50 है.
- मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में 2047 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता: मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के लिए जिले को 30 कंपनी पारा मिलिट्री फोर्स का आवंटन हुआ है. इनमें एसएसबी के 9, बीएमपी के 7, सीआईएसएफ के 7, आईआरबी के 5 एवं बीएसएफ के 2 कंपनी शामिल है. सभी बूथों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस जवान के साथ ईवीएम दस्ता को रवाना किया गया .दो जिलों का क्षेत्र शामिल:बता दें कि सहरसा जिले के तीन विधान सभा और मधेपुरा जिले के तीन विधान सभा मिलाकर मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत 2047 मतदान केंद्र बनाया गया है, जहां लगभग 21 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
युवा और नए वोटर्स का समीकरण:इस बार 85 से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या, 16 हजार 180 है और नए मतदाताओं की संख्या, 27 हजार 805 है. लोक सभा क्षेत्र सहरसा और मधेपुरा के सभी बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किया गया है. ताकि निष्पक्ष और भय मुक्त माहौल में मतदाता अपना अपना मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे.
नए वोटर एवं पुराने वाटर उत्साहित अपने मत का प्रयोग करके