बैतूल 18 अप्रैल 2025/भीमपुर विकासखंड के ग्राम पलासपानी की उच्च जोखिम गर्भवती महिला श्रीमती गीता सलामे का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीमपुर में सुरक्षित प्रसव हुआ है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजेश परिहार ने बताया कि श्रीमती गीता पति श्री मुकेश सलामे निवासी ग्राम पलासपानी विकासखण्ड भीमपुर का गर्भावस्था का पंजीयन 12 सप्ताह के पहले 10 सितम्बर 2024 को महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्रीमती पारकला नर्रे द्वारा किया गया। पंजीयन के समय श्रीमती गीता का वजन 42 किलोग्राम, एचबी 11.2 ग्राम, बीपी 149/102 एवं एल्बुमिन शुगर एबसेन्ट दर्ज किया गया। श्रीमती गीता का ब्लड प्रेशर बढ़ा होने के कारण उन्हें हाईरिस्क गर्भावस्था की श्रेणी में रखा गया। श्रीमती गीता के हाई रिस्क होने के कारण आशा कार्यकर्ता श्रीमती कलावती सलामे द्वारा प्रतिमाह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व शिविर में लाकर नियमित जांच कराई गई तथा एएनएम श्रीमती परकला नर्रे द्वारा प्रतिमाह आरोग्य केंद्र पर नियमित जांच की गई। श्रीमती गीता को आयरन, कैल्शियम की गोलियां खिलाई गईं तथा पोषण आहार, पर्याप्त आराम, नियमित जांच, नियमित दवाइयों के सेवन करने के बारे मे समझाइश दी गई।
श्रीमती गीता की एलएमपी 24 जून 2024 एवं ईडीडी 31 मार्च 2025 के आधार पर आशा कार्यकर्ता श्रीमती कलावती सलामे के द्वारा प्रतिदिन निगरानी की गई। उन्हें 02 अप्रैल 2025 को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर 108 जननी वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमपुर मे भर्ती कराया गया। श्रीमती गीता ने 03 अप्रैल 2025 को स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। जन्म के समय शिशु का वजन 2 किलो 700 ग्राम था। शिशु का जन्म के समय आवश्यक जीरो डोज टीकाकरण किया गया। 3 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के पश्चात् 05 अप्रैल 2025 को डिस्चार्ज किया गया। श्रीमती गीता को पोषण आहार, शिशु को टीकाकरण एवं परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बारे में परामर्श दिया गया। डिस्चार्ज के समय श्रीमती गीता के परिवार वालो ने स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त किया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीमपुर के बीएमओ डॉ दीपक निगवाल ने बताया कि यदि उच्च जोखिम गर्भावस्था के लक्षणों का ध्यान रखकर उपचार न किया जाए एवं स्वास्थ्य दल द्वारा सतत निगरानी तथा देखरेख में कमी की जाए तो गर्भवती महिला की जान भी जा सकती है इसलिये उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली प्रत्येक महिला को स्वास्थ्य दल का परामर्श मानकर नियमित उपचार लेना चाहिए।
क्रमांक/86/455/04/2025