फ्रांस विश्व का पहला देश बन गया है जिसने गर्भपात के अधिकार को अपने संविधान में शामिल किया है। फ्रांस में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने विशेष सत्र में संविधान में संशोधन के लिए मतदान किया। उनमें से 780 ने पक्ष में और 72 ने विपक्ष में मत दिया। इसके जरिये महिलाओं को गर्भपात कराने की आजादी दी गई है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि सरकार इस संशोधन को पारित किए जाने के संबंध में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित करेगी।
फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को समर्थन देने का लंबा इतिहास रहा है। वहां गर्भ धारण को स्वेच्छा से समाप्त करने की व्यवस्था को वैधानिक बनाने के लिए 1975 में कानून बनाया गया था। यह कानून तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सिमोन वेल के नाम पर बना था जिन्होंने इसका समर्थन किया था। इस कानून में दस सप्ताह तक के गर्भपात की अनुमति दी गई थी। बाद में 2001 में इसे बढाकर 12 सप्ताह कर दिया गया और 2022 में इसे 14 सप्ताह कर दिया गया। 1980 से यह प्रक्रिया फ्रांस की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में शामिल है।