दिल्ली में मंगलवार को किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमाओं पर कई लेयर में बैरिकेटिंग की गई है। कंक्रीट की दीवार, लोहे की कीलें और कंटेनरों की दीवारों के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कुछ स्थानों पर बनाई गई अस्थायी जेलें
2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सुरक्षा में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरत रही है।
सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात की गई है। कुछ स्थानों पर अस्थायी जेलें भी बनाई गई हैं।
एक महीने के लिए धारा 144 लागू
किसानों के दिल्ली कूच के कारण दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने तनाव को देखते हुए एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है। जिसमें पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने, जुलूस या रैलियों और लोगों को ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, शादियों, अंत्येष्टि और अन्य धार्मिक कार्यों से संबंधित सभाओं और जुलूसों के लिए संबंधित अधिकारियों से पूर्व अनुमति आवश्यक है।
पिछली बार पुलिस को करनी पड़ी थी काफी मशक्कत
पिछली बार 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान ने मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से किसानों ने तीन बार्डर पर धरना दिया था। 2020 में किसान ट्रैक्टरों के जुलूस को लेकर आगे बढे़ थे,जिसे रोकने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले अनुभव से सीखते हुए इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने के लिए आगे बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा की सीमा से लगती ग्रामीण सड़कों को भी सील कर दिया है।
बैरिकेड्स इस तरह से लगाए गए हैं कि किसान उन्हें आसानी से हटा नहीं पाएंगे। सीमेंट के बोल्डरों को सील करने के लिए कंक्रीट का उपयोग किया गया है।
इससे पहले सोमवार को, दिल्ली पुलिस ने प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर एक यातायात सलाह जारी की थी, जिसमें यात्रियों को तीन सीमा बिंदुओं पर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के बारे में सचेत किया गया था।