Dubai Golden Visa U.A.E की तरफ से कुछ दिनों पहले बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को गोल्डन वीजा दिया गया है. संजय दत्त के अलावा अबु धाबी में रहने वाले भारतीय मूल के 45 वर्षीय श्याम कोत्तुरी को भी गोल्डन वीजा मिला है. यूएई (U.A.E) की फेडरल अथॉरिटी फॉर आईडेंटिटी एंड सिटीजनशिप (ICA) की तरफ से 3 मई को गोल्डन वीजा की शुरुआत की गई है. जानिए यूएई के इस खास वीजा के बारे में। .
Dubai Golden Visa की शुरुआत कब हुई?
यूएई ने गोल्डन वीजा की शुरुआत साल 2019 में की थी. यूएई सरकार के पोर्टल पर दी गई जानकारी के मुताबिक गोल्डन वीजा की सुविधा उन लोगों के लिए लॉन्च की गई है जो लंबे समय के लिए देश में रहना चाहते हैं.
इस नए सिस्टम के बाद ऐसे लोग जो दूसरे देशों से यूएई रहने, काम करने और बिना किसी नेशनल स्पॉन्सर के पढ़ने आते हैं, यह वीजा खासतौर पर उनके लिए हैं.
इस वीजा को हासिल करने वाले व्यक्ति के पास यूएई में अपने बिजनेस को 100 फीसदी मालिकाना हक के साथ करने की सुविधा होगी. वीजा मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति 5 या फिर 10 साल तक दुबई या फिर यूएई के किसी भी शहर में रह सकता है. गोल्डन वीजा को इतनी समय सीमा में रिन्यूल की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और वो ऑटोमैटिक रिन्यू होता रहेगा.
Dubai Golden Visa को कैसे होगा फायदा?
यूएई के उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यहां के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम की तरफ से इसकी शुरुआत निवेशकों और व्यापारियों के लिए की गई थी. दुबई, यूएई का सबसे बड़ा शहर है और कोरोना वायरस महामारी के चलते इसे खासा नुकसान उठाना पड़ा. दुबई को महामारी की वजह से पर्यटकों की कमी का सामना करना पड़ा है. इसे देखते हुए साल 2020 में इसमें स्पेशल डिग्री, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों के लिए इसके प्रयोग की मंजूरी दे दी गई थी.
गोल्डन वीजा हासिल करने वाले व्यक्तियों को सरकार की तरफ से सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी. वीजा जारी करते समय ही यूएई की सरकार ने साफ कर दिया था कि वो प्रवासियों, निवेशकों और उन लोगों को सुरक्षा मुहैया कराएगी जो आने वाले समय में यूएई को अपना घर बनाने की सोच रहे हैं.
यूएई में सबसे बड़ी प्रवासी आबादी भारतीयों की है. 90 लाख की आबादी के यूएई में 30% आबादी भारतीयों की हैं जो वहां व्यापार, नौकरी, पढ़ाई कर रहे हैं. ख़बरों के मुताबिक यूएई में बसे कई भारतीय अब तक गोल्डन वीजा हासिल कर चुके हैं.
Dubai Golden Visa के लिए अप्लाई कैसे करें?
ऐसे व्यक्ति जो गोल्डन वीजा के लिए अप्लाई करना चाहते हैं वो ICA की वेबसाइट के जरिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा यूएई के विदेश मंत्रालय के तहत काम करने वाले जनरल डायरेक्टर ऑफ रेजीडेंसी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स (GDRFA) के जरिये भी अप्लाई किया जा सकता है.
जहां ICA के जरिये सिर्फ ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है तो GDRFA में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अप्लाई करने की सुविधा है. वीजा हासिल करने वाले व्यक्तियों को जरूरी डॉक्यूमेंट्स और अपने बिजनेस को यूएई शिफ्ट करने से जुड़े कागजात जमा करने होते हैं.
10 साल तक के लिए वीजा
निवेशक 10 साल के वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए शर्त यह है कि संयुक्त अऱब अमीरात की मुद्रा दिरहम में उनकी आय एक करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए.आवेदक निवेश कोष या कंपनी के रूप में आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, टोटल निवेश का कम से कम 60 फीसदी संपत्ति के रूप में नहीं होना चाहिए और निवेश की गई राशि को उधार नहीं दिया जाना चाहिए. संपत्ति के मामले में, निवेशकों का पूरा मालिकाना हक होना चाहिए.
लेकिन माननी होंगी ये शर्तें
नियमों के मुताबिक निवेशक को कम से कम तीन साल के लिए निवेश को बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए. इस 10 साल के लंबे वीजा को व्यावसायिक साझेदारों को शामिल करने के लिए बढ़ाया जा सकता है. बशर्ते कि हर साझेदार 1 करोड़ दिरहम का कारोबार में निवेश करे. लंबी अवधि के वीजा में धारक के पति या पत्नी और बच्चों के साथ-साथ एक एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एक सलाहकार भी शामिल हो सकते हैं.
डॉक्टर और वैज्ञानिकों के नियम
डॉक्टर, रिसर्चर, वैज्ञानिक और कलाकार, ऐसे विशेष प्रतिभा से जुड़े लोगों को उनके संबंधित विभाग और क्षेत्रों द्वारा दी गई मान्यता के बाद 10 साल का वीजा दिया जा सकता है. वीजा इनके जीवनसाथी और बच्चों को भी दिया जाएगा.
पांच साल के वीजा के लिए नियम काफी हद तक निवेशकों के लिए समान हैं. केवल अंतर यह है कि जरूरी निवेश की राशि 5 मिलियन दिरहम तय की गई है. हाई स्कूल और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स यूएई में 5 साल के रेजीडेंसी वीजा के योग्य हैं.
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