मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के निष्काषित प्रांतीय महासचिव एस.एल.सूर्यवंशी ने अपने समर्थकों के साथ रविवार को हिन्दी भवन भोपाल में अजाक्स की आमसभा आयोजित करके अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की। हालांकि उनकी इस कोशिश ने नई मुश्किल पैदा कर दी है।
सूर्यवंशी को संगठन में गई आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में संघ के प्रांतीय महासचिव पद से बर्खास्त करने वाले संघ के मूल धडे ने उन पर सागर में आयोजित संत रविदास मंदिर का कार्यक्रम को विफल करने के लिए जानबूझकर रविवार को अजाक्स से जुड़े सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों तथा उनके अनुयायियों पर दबाव डालकर कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप लगाया है। संघ के प्रान्ताध्यक्ष मुकेश मौर्य ने इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं मुख्य सचिव इकबाल सिंग बैस को एक शिकायती पत्र भी दिया है।
पत्र में अजाक्स के प्रान्ताध्यक्ष ने कहा है कि सागर में बनने वाले संत रविदास मंदिर का भूमिपूजन करने आए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल चाहते थे लेकिन बर्खास्त प्रांतीय महासचिव एस.एल.सूर्यवंशी एवं अपर मुख्य सचिव जे.एन.कंसोटिया ने उन पर दबाव डालकर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में जाने देने की जगह अपना वर्चस्व दिखाने के लिए आयोजित अपने कार्यक्रम में भोपाल बुला लिया। श्री मौर्य ने सूर्यवंशी एवं कंसोटिया के इस कृत्य को सरकार को चुनौती देने वाला बताया। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गड़बड़ियों के विभिन्न आरोपों में घिरे सूर्यवंशी को भोपाल से अन्यत्र स्थानांतरित करने को कहा ताकि वे भोपाल मुख्यालय में रहकर अनैतिक कार्यों की पुनरावृत्ति ना कर सकें।
श्री मौर्य ने मोबाइल फोन पर इस शिकायती पत्र की पुष्टि करते हुए सितंबर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में भोपाल में अजाक्स का बड़ा सम्मेलन बुलाने को कहा।
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