छिन्दवाड़ा/ 28 दिसंबर 2023 – भोपाल से पधारे मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष एवं देशबंधु पत्र समूह के संपादक पलाश सुरजन के मुख्य आतिथ्य में गत दिवस नाट्य गंगा कार्यालय में म.प्र.प्रगतिशील लेखक संघ और म.प्र.हिंदी साहित्य सम्मेलन की छिंदवाड़ा जिला ईकाईयों के संयुक्त तत्वावधान में “साहित्य और पत्रकारिता के सामने चुनौतियाँ” विषय पर एक विचार गोष्ठी संपन्न हुई। गोष्ठी में साहित्य और पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चिंतन मनन किया गया।
मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष पलाश सुरजन ने इस अवसर पर लोकतंत्र के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए धर्मनिरपेक्षता और तार्किक सोच वाले कार्यक्रम आयोजित कर जनजागरण करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि हमें छोटे-छोटे जनजागरूकता के कार्यक्रमों के माध्यम से ऐतिहासिक और वर्तमान परिस्थितियों की वस्तुस्थिति से लोगों को सकारात्मक रूप से अवगत कराना चाहिये तथा परिणाममूलक कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये। वरिष्ठ साहित्यकार मोहन कुमार डहेरिया ने लेखकों व पत्रकारों के सामने वर्तमान समय में बढ़ती प्रतिरोधी प्रवृतियों से निपटने की चुनौतियों पर बात की।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवा कहानीकार दिनेश भट्ट ने पत्रकारिता के इतिहास में पलाश सुरजन के योगदान को रेखांकित करते हुए हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा किये जाने वाले कार्यक्रमों और पुरस्कारों के महत्व की चर्चा की। युवा गीतकार रोहित रूसिया ने जहां सिकुड़ते इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के खतरों से आगाह किया, वहीं वरिष्ठ व युवा साहित्यकारों के.के.मिश्रा, लक्ष्मण प्रसाद डहेरिया, मनोज गुप्ता, चंदन अयोधी, शेफाली शर्मा, स्वाप्निल जैन आदि ने निरंतर बदलते राजनैतिक परिवेश में नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर अपनी चिंतायें जाहिर की। कार्यक्रम के अंत में रंगकर्मी सचिन वर्मा ने समाज पर रंगकर्म के प्रभाव की विस्तार से चर्चा करते हुये सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सीमा सूर्यवंशी, रणजीत सिंग परिहार, ओमप्रकाश नयन, अमित सोनी और आकाश घोरमारे भी उपस्थित थे।
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