सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के पाँच शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ 02 प्रतिशत वैज्ञानिकों की 2024 की सूची में स्थान मिला है। स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स द्वारा 16 सितम्बर, 2024 को 02 प्रतिशत श्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची जारी की गई है जिसमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के 05 शिक्षक शामिल हैं। इस सूची में फार्मेसी विभाग के प्रो. एस.पी. व्यास, प्रो. संजय कुमार जैन, माइक्रोबायोलोजी विभाग के अध्यक्ष एवं निदेशक, अकादमिक गतिविधियाँ प्रो. नवीन कानगो, रसायन विभाग के अध्यक्ष प्रो. ए.पी. मिश्रा और क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस विभाग की डॉ. वंदना विनायक शामिल हैं।
इस सूची को विज्ञान के 22 क्षेत्रों और 174 उपक्षेत्रों से संबंधित वैज्ञानिकोंकेडाटाबेस एवं एल्सिवियर प्रकाशन और स्कोपस के विश्व स्तर के साइटेशन डेटाबेस के कम्पोजिट स्कोर के आधार पर तैयार किया जाता है। इस सूची में विश्वविद्यालय के कई पूर्व शिक्षक एवं पुरा छात्र, जो देश-विदेश विभिन्न संस्थाओ में कार्यरत हैं, भी शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के शिक्षकों की इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बधाई दी है और हर्ष व्यक्त किया है।
फार्मेसी विभाग के पूर्व आचार्य, प्रो सुरेश प्रसाद व्यास को निरंतर पांचवे साल उच्चस्तरीय शोध के लिए इस सूची में स्थान मिला है। उन्होंने लाइपोसोम बायोटेक्नोलॉजी, ओरल वक्सीनशन, लक्ष्यभेदी टीबी उपचार, नावेल ड्रग डिलीवरी पर उत्कृष्ट शोध किया है जो 400 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है और 20000 से अधिक बार उल्लेखित है।
प्रो. संजय के जैन, फार्मेसी विभाग में वरिष्ठ आचार्य एवं निदेशक, प्लानिंग व रिसोर्स जनरेशन हैं और उन्हें चौथे बार उच्चस्तरीय शोध के लिए इस सूची में स्थान मिला है। उन्होंने बड़ी आंत और मस्तिष्क की बीमारियों के लिए लक्ष्य भेदी दवाओं का विकास किया है जिसके लिए उन्हें 2018 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा विजिटर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इनके 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हैं जिनका 15000 बार उल्लेख हुआ है व इन्हे 03 अंतराष्ट्रीय व 01 राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हैं।
प्रो. नवीन कानगो लगातार तीसरी बार इस सूची में शामिल किये गए हैं। वे माइक्रोबायोलोजी के विभागाध्यक्ष एवं अकादमिक अफेयर्स के निदेशक हैं और इनका शोध कार्य सूक्ष्मजैवीय एन्जाइम्स का स्वास्थ्यवर्धक प्री-बायोटिक, बायो-एथेनोल, मुर्गी के पंखों के अपघटन एवं बहुउपयोगी नैनोपार्टिकल्स बनाने पर आधारित है। इनका शोध कार्य 80 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है जिनका 2310 से अधिक बार उद्धरण किया गया है।
प्रो. ए. पी. मिश्रा विश्वविश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य केमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष हैं. इनका कार्यक्षेत्र सिंथेटिक और संरचनात्मक अकार्बनिक रसायन विज्ञान, समन्वय रसायन विज्ञान, जैव अकार्बनिक, नैनो सामग्री, अल्ट्रासोनिक्स है।इनका शोध कार्य 60 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है।
डॉ. वंदना विनायक क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं एवं उनका शोधकार्य डायटम्स और माइक्रोअलगी से जैव ईधन एवं पिगमेंट्स उत्पादन की नैनोटेक्नोलाजी पर केंद्रित हैं।इनका शोध कार्य 76 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है जिनका 1900 से अधिक बार उल्लेख हुआ है तथा 6 पेटेंट है।