देश में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करने के लिए सरकार हर तरह के प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में एक नए ऐलान के मुताबिक 11 अप्रैल से सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में कर्मचारियों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इसके दिशा-निर्देश, कौन टीका ले सकता है और टीके की प्रति डोज की क्या कीमत होगी, इस बारे में बता दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दफ्तरों में टीका देने का काम देश में वैक्सीनेशन के अभियान को धार देने के लिए शुरू किया जा रहा है.
सरकार के एक बयान के मुताबिक, दफ्तरों में टीकाकरण का काम सुविधाजनक होने के साथ ही कर्मचारियों को बाहर निकलने से रोकने में कारगर साबित हो सकता है.
टीका अगर दफ्तर में दे दिया जाए तो लोग इसके लिए बाहर जाने को मजबूर नहीं होंगे. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका घटेगी. उन दफ्तरों में कोरोना टीकाकरण का काम शुरू किया जाएगा जहां कम से कम 100 लोग इसे लेने के लिए तैयार होंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत अलग-अलग राज्य सरकारों को सर्कुलर भेज दिया है. दफ्तरों में इसके लिए कोविड वैक्सीनेशन सेंटर (CVC) बनाए जाएंगे.

कैसे होगा टीकाकरण
- हर जिले में डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स (DTF) बनाया जाएगा जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे. इसी तरह निगम अध्यक्ष की अगुवाई में शहरों में अरबन टास्क फोर्स (UTF) का गठन होगा. इनकी देखरेख में जिलावार दफ्तरों में टीकाकरण का काम शुरू किया जाएगा.
- कंपनियां इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाएंगी जो जिला स्वास्थ्य अधिकारी या प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के संपर्क में टीकाकरण का काम कराएंगे. ऑफिस में वैक्सीनेशन का पूरा काम नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी. किसे वैक्सीन लेना है, उसका रजिस्ट्रेशन कैसे होगा, इसका इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसे तैयार करना है, जैसे कार्यों की देखरेख नोडल अधिकारी पूरा करेंगे.
- जिन ऑफिस में टीकाकरण होना है, उसकी पहचान होने के बाद पूरी डिटेल कोविन ऐप पर रजिस्टर की जाएगी. यह काम सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों को समान रूप से करना होगा. इस पूरे काम के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे.
कौन ले सकता है टीका
मौजूदा चरण के मुताबिक लोगों को टीका दिया जाएगा. अभी 45 पार लोगों को टीका दिया जा रहा है. ऑफिस में भी इसी उम्र का ध्यान रखकर वैक्सीनेशन होगा. दफ्तर में किसी बाहरी व्यक्ति को टीका नहीं लगेगा. यहां तक कि कर्मचारियों के परिवार वाले भी वैक्सीन पाने के हकदार नहीं होंगे. जिस कर्मचारी को टीका लगना है, उसे कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सीवीसी से नोडल ऑफिसर रजिस्ट्रेशन के बारे में सुनिश्चित करेंगे. ऑफिस में ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा दी जाएगी.
कौन सी वैक्सीन दी जाएगी
केंद्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि एक ऑफिस में कोई एक ही तरह का टीका दिया जाएगा ताकि मिक्स होने का खतरा न हो. पहली और दूसरी डोज में कोई अंतर न आए, इसलिए पहले ही तय हो जाएगा कि कौन सा टीका दिया जाना है. अगर किसी कर्मचारी ने किसी सेंटर पर दूसरी कंपनी का टीका लगा लिया है तो उसे उसकी अगली डोज के लिए उसी सेंटर पर जाना होगा. दफ्तर में एक ही कंपनी की दोनों डोज दी जाएगी.
वैक्सीन की क्या होगी कीमत
सरकारी दफ्तरों में जिला स्वास्थ्य प्राधिकार की ओर से जो टीका लगेगा वह फ्री होगा, जबकि प्राइवेट सीवीसी की तरफ से लगाया जाने वाला टीका पेमेंट बेसिस पर होगा. प्राइवेट ऑफिस में टीके का दाम वही होगा जो प्राइवेट अस्पतालों में होता है. प्राइवेट ऑफिस में वैक्सीन का सर्विस चार्ज लिया जा सकता है जो अधिकतम 100 रुपये तक हो सकता है. प्रति डोज वैक्सीन की कीमत 150 रुपये है. सर्विस चार्ज जोड़कर देखें तो प्रति डोज वैक्सीन की कीमत 250 रुपये तक हो सकती है.