भारत का प्राचीन व लोकप्रिय खेल Ludo अब कटघरे में खड़ा हो चुका है तथा इसपर प्रतिबंध भी लग सकता है।दरअसल बॉम्बे हाइकोर्ट में लूडो के खिलाफ यह कहते हुए याचिका दायर की गयी है कि Ludo कौशल का खेल नही बल्कि तकदीर का खेल है।हालांकि यह याचिका मोबाइल एप में खेले जाने वाले लूडो गम के खिलाफ दायर की गयी है।इसका वास्तविकता में बोर्ड में खेले जाने वाले Ludo के खेल से कोई लेना देना नही।
Ludo भारत मे एक बहुत लोकप्रिय खेल है और जब भी कोई खाली होता है तो सबसे पहले Ludo खेल कर ही समय काट जाता है।लूडो आज कल के युवाओं में सबसे अधिक लोकप्रिय है फिर चाहे बस यो रेलगाड़ी जहां भी चार यार दोस्त इक्कठा होते है वहां Ludo खेले जाने की संभावना होती ही है।
क्यों Ludo के खिलाफ दायर की गई याचिक?
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि याचिका Ludo खेल के खिलाफ नही बल्कि मोबाइल एप में खेले जाने वाले लूडो गेम के खिलाफ दायर की गयी है।दरअसल पहले लूडो ज्यादातर घर और या आस पास ही जाता था क्योंकि हर कोई लूडो के बोर्ड को गिट्टी को आने साथ लिए लिए नही घूम सकता था परंतु जबसे Ludo फ़ोन में आ गया तबसे जिसको देखो वही लूडो खेल रहा है चाहे वह एक दूसरे से कितनी भी दूर क्यों न हो।ऐसे में कई एप ऐसे भी है जो Ludo गेम को जुए की तरह पेश करते है और पैसे के कारण बड़ी संख्या में युवा इसकी ओर आकर्षित हो रहे है।
याचिकाकर्ता केशव मुले का कहना है कि मोबाइल में खेल जाने वाला लूडो तकदीर का खेल है और यह एक प्रकार का जुआ है।इसमें 4 लोग हिस्सा लेते है फिर सभी 5-5 रुपये का दांव लागाते हैं और फिर जीतने वाले को 17 रुपये व एप के मालिक को 3 रुपये मिलता हैं।इससे युवाओं का ध्यान भटक रहा है और समाज मे बुराई को जन्म दे रहा है।
कब होगी अगली सुनवाई?
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने पहले याचिका निचली अदालत में दायर की थी जिसे निचली अदालत ने ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि लूडो एक कौशल का खेल और इसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने से मना कर दिया था जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।अब इसको लेके अगली सुनवाई 22 जून को होनी है।
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