मुंबई में कोरोना संक्रमण के दुगुने होने की अवधि अब 100 दिनों तक पहुंच गई है. कोरोना बढ़ने का दर 0.66 प्रतिशत हो गया है. हर रोज नए कोरोना संक्रमितों की संख्या भी तेजी से कम होती हुई नजर आ रही है. रविवार को 3,672 नए केस सामने आए. लेकिन मृत्यु की संख्या भी 79 रही. मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर पर की गई एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि मई महीने के पहले हफ्ते कोविड से मरने वालों की संख्या में वृद्धि होगी. लेकिन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के विशेषज्ञों द्वारा किए गए रिसर्च का परिणाम मुंबई के लिए एक बड़ी आशा का किरण लेकर आया है.
इस रिसर्च के निष्कर्ष के अनुसार अगर मुंबई में 75 प्रतिशत तक वैक्सीन हो पाई तो 1 जून तक कोविड से होने वाली मृत्यु दर निम्नतम हो जाएगी.
मुंबई में इस महीने 20 लाख लोगों का वैक्सीनेशन होना जरूरी है. तभी जून महीने में मृत्यु दर बेहद नीचे आ पाएगी. अगर ऐसा हो पाता है तो 1 जुलाई से स्कूल भी शुरू किए जा सकेंगे. यानी वैक्सीनेशन अगर बेरोकटोक चले और साथ ही अगर कोरोना का कोई नया वैरिएंट एंट्री ना कर जाए तो मुंबई की स्थिति जून महीने तक बिलकुल सामान्य हो जाएगी. मुंबई में आई कोरोना की दूसरी लहर का गणितीय विश्लेषण कर के विशेषज्ञों ने यह भविष्यवाणी की है.
मुंबई की लोकल ट्रेन ने बढ़ाया कोरोना
विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी की शुरुआत में कोरोना का एक ही वैरिएंट मौजूद था. इसी वक्त मुंबई में आम यात्रियों के लिए लोकल ट्रेन सेवा शुरू कर दी गई. लोकल सेवा और अन्य सेवाएं शुरू होने से कोरोना विषाणु के फैलने के लिए एक पोषक वातावरण तैयार हो गया. इस वजह से मुंबई में दूसरी लहर आ गई. ऐसा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेटल रिसर्च के विशेषज्ञों ने अपने रिसर्च में दावा किया है. फरवरी में अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कोरोना से जुड़े नियमों में काफी ढील दी गई. इस वजह से मार्च महीने में परिस्थिति गंभीर होनी शुरू हुई.
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कारोना का ताजा वैरिएंट पुराने वैरिएंट से ढाई गुना ज्यादा संक्रामक
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि कोरोना का ताजा वैरिएंट पिछले साल मिले वैरिएंट से 2 से ढाई गुना ज्यादा तेजी से फैलता है. इसलिए भी मार्च महीने में मुंबई में कोरोना का प्रसार अत्यधिक तेजी से फैला. विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में 2.3 लाख लोग संक्रमित हुए और अप्रैल में 1 हजार 479 लोगों की मृत्यु हो गई.
विशेषज्ञों के मुताबिक ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर और अन्य जिलों में भी कोरोना मुंबई जैसी स्थिति पैदा होने यानी सार्वजनिक स्थानों में भीड़ बढ़ने की वजह से ही तेजी से फैलना शुरू हुआ और धीरे-धीरे इसने पूरे महाराष्ट्र को अपनी चपेट में ले लिया.