
भारत और चीन के बीच पिछले साल सीमा पर शुरू हुआ विवाद अभी तक खत्म नही हुआ है और अभी भी तनाव की स्थिति बरकरार है।चीन किसी भी प्रकार से विवाद खत्म करने के मूड में नही दिख रहा व आये दिन चीन सीमा पर कुछ न कुछ ऐसा करता है जिससे तनाव कम होने की बजाय और बढ़ जाता है।चीन कभी भारतीय सीमा के करीब टैंक या तोप तैनात कर देता है तो कहीं अतरिक्त जवान या लड़ाकू विमान जिससे सीमा पर तनाव बढ़ता ही है।अब भारत ने भी चीन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए सीमा पर 50000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी है।
चीन नहीं सुलझाना चाहता विवाद
जैसा कि हमने आपको बताया कि चीन भारत से पूरी तरह से विवाद नही सुलझाना चाहता।कई बार हो चुकी कमांडर स्तर की वार्ता व विदेश और रक्षा मंत्रियों की वार्ता के बावजूद चीन ने सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाये।चीन द्वारा सिर्फ बयानों में विवाद खत्म करने की बात कही गयी लेकिन वास्विकता में चीन भरतीय सीमा के करीब कई विवादित परियोजनाएं चला रहा है साथ ही भारतीय सीमा के करीब चीन अपनी पकड़ और स्थिति मजबूत बनाये रखने के लिए निरंतर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा है।अभी हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे नगर में बुलेट ट्रेन परियोजना शुरू की थी।
भारत ने किया अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव
जहां आज से कुछ साल पहले भारत की सैन्य रणनीति मुख्यता पाकिस्तान की तरफ थी तो वही पिछले सालों में भारत की सैन्य रणनीति तेजी से पाकिस्तान से हटकर चीन की तरफ केंद्रित हो चुकी है।भारत के कई रक्षा विशेषज्ञ व सलाहकार ये बात कह चुके हैं कि भारत के सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान नही चीन है और भारत को अपनी नीति और रणनीति दोनों में ही बदलाव करने होंगे।
पिछले सालभर में हमने देखा है कि भारत ने चीन के खिलाफ सीमा पर कई बार आक्रामक तेवर दिखाए हैं फिर चाहे लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो,अत्याधुनिक हथियारों व मिसाइल की तैनाती हो या नए और उन्नत लड़ाकू विमान जैसे रफैल(Rafale) कि तैनाती हो,भारत अब चीन के हर कदम का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। इसी कड़ी में एक बार फिर से भारत ने आक्रामक रुख अपनाते हुए चीन के खिलाफ सीमा पर 50000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी है।
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