भारत मे तकनीक का विकास हर क्षेत्र में बहुत तेजी से हो रहा है और भारत मानवता की भलाई के लिए कई नई और उन्नत तकनीक और काम भी कर रहा है।इस समय मानवता सबसे बड़ा संकट ‘कोरोना’ से जूझ रही है ऐसे में उन्नत तकनीक को उपयोग में लाने का इससे अच्छा मौका नही मिलेगा।इसलिए भारत भी इस महामारी से लड़ने के लिए अब मेडिकल ड्रोन(Medical Drone) का उयोग करेगा जिसके ट्रायल्स शुरू हो चुके हैं।
आपको बता दें कि यह भारत का पहला मेडिकल ड्रोन होगा जिसके ट्रायल्स बेंगलुरु से थोड़ी दूरी पर स्थित गौरीबिदनूर में शुरू ही चुके हैं।यह ट्रायल्स लगभग एक से डेढ़ महीने तक चलेंगे।आपको बता दें कि इस ड्रोन के ऑब्जेक्ट डिलीवरी प्रयोगों को लेके नागरिक उड्डयन महानिदेशालय(DGCA) की तरफ से पिछले वर्ष मार्च में ही मंजूरी मिल गयी थी लेकिन कोरोना के कारण इसके ट्रायल्स में देरी हो गयी।
यह एक बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट(Beyond Visual Line of Site) मेडिकल ड्रोन है जिसे Throttle Aerospace Systems द्वारा बनाया गया है।
भारत के लिए क्यों जरूरी हैं इस तरह के मेडिकल ड्रोन
भारत एक बहुत बड़ा देश है साथ ही विविधताओं से भरा हुआ भी।यह करोड़ों लोग गांव में,करोड़ो लोग पहाड़ों पे,तो करोड़ो लोग कई ऐसी जगह रहते हैं जहाँ अभी पूरी तरह से विकास नही हुआ है और वहाँ पूरी की पूरी मेडिकल टीम का जाना कठिन होता है।ऐसे में देश के कोने कोने तक व आखिरी नागरिक तक वैक्सीन से लेके दवा पहुँचाने तक के लिए मेडिकल ड्रोन का प्रयोग किया जा सकता है।
इन ड्रोन की मदद से हमारे कोरोना योद्धाओं को जगह जगह वैक्सीन लाद के नही ले जाना पड़ेगा व ड्रोन के जरिये वैक्सीन को स्वास्थ्य केंद्रों तक आसानी से पहुँचाया जा सकेगा।इसलिए भारत सरकार भी ऐसे ड्रोन्स को आधिकारिक तौर पर बड़े स्तर पे प्रयोग करने पर विचार कर रही है।
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