भारतीय पूरी दुनिया मे अपना और भारत का नाम रोशन कर रहें है।आये दिन कोई न कोई ऐसी खबर आती है जिसमे भारतीयों के कारनामों के बारे में बताया गया होता है।शतरंज का जन्म भारत मे हुआ था और इस महान खेल के साथ साथ शतरंज के कई दिग्गज भारत ने दुनिया को दिए।अब शतरंज में भारत की प्रतिष्ठा और मान को बढ़ाने का काम भरतीय मूल के एक छोटे से बच्चे ने किया है।जी हां भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा ने बहुत छोटी से उम्र में ये उपलब्धि हासिल करके नया इतिहास रचा है।
महज 12 साल की उम्र में अभिमन्यु मिश्रा बने शतरंज के ग्रैंडमास्टर
अभिमन्यु मिश्रा ने इतनी बड़ी उपाधि महज 12 साल की उम्र में हासिल करके शतरंज में इतिहास रच दिया है।जी हाँ महज 12 साल की उम्र में,जिस उम्र में बच्चे खेलकूद करते हैं उस उम्र में अभिमन्यु ने भारत का नाम पूरी दुनिया मे रोशन किया है।अभिमन्यु ने जीएम लियोन को हराकर ग्रैंडमास्टर की उपाधि हासिल की है।आपको बता दें कि इससे पहले भी अभिमन्यु मिश्रा मात्र 10 साल की उम्र में सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे ।
19 साल से कायम रिकॉर्ड को तोड़ा
अभिमन्यु ने रूस के सर्गेई कर्जाकिन(Sergey Karjakin) के 19 साल से कायम रिकॉर्ड को तोड़कर यह इतिहास रच है।बता दें कि रूस के इस महान खिलाड़ी ने ग्रैंडमास्टर का खिताब 12 साल 7 महीने की उम्र में जीत था तो वहीं भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्र ने यह उपाधि मात्रा 12 साल 4 महीने 25 दिन की उम्र में हासिल कर ली।अभिमन्यु ने जीत के बाद अपने बयान में बताया कि मैच काफी कठिन था लेकिन प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की एक गलती की वजह से वे विश्व रिकॉर्ड बनाने में सफल हुए और वह इस बात से बेहद खुश हैं।
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