
पिछले वर्ष भारत और चीन के बीच LAC ओर विवाद शुरू हो गया था जो अब तक पूरी तरह से खत्म नही हुआ है।अब ये विवाद मुख्यता पांगोंग त्सो(Pangong Tso) इलाके में हुए था।अब पांगोंग झील में अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए अलग किस्म की आधूनिक बोट्स की जरूरत पड़ती है।अब चीन के पास तो ऐसी बोट्स थीं लेकिन भारत के पास ऐसी बोट्स नही थीं।इसलिए पिछले वर्ष भारतीय सेना ने 29 नई और अत्याधुनिक बोट्स का आर्डर दिया था जिसकी डिलीवरी अब भारतीय सेना को की जा रही है।
पिछले वर्ष इसी समय भारत और चीन के बीच मामूली झड़प से ये विवाद शुरू हुआ था और बाद में धीरे धीरे ये विवाद इतना बढ़ गया था कि हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन के दो दर्जन से भी ज्यादा सैनिक मारे गए थे।चीन हथियारों व संसाधनों के मामले में भारत से काफी आगे था लेकिन जब बात आई जवानों के साहस,शौर्य व काबिलियत की तब भारतीय जवान चीनी सैनिकों से कही ज्यादा आगे है और यही कारण है कि चीन अपने इरादों में कामयाब नही हो सका।
कौन सी बोट्स का आर्डर दिया है भारतीय सेना ने?
दरअसल पांगोंग झील में पेट्रोलिंग(patrolling) करने के लिए व जवानों की तुरंत तैनाती(quick deployment) के लिए भारत को नई और अत्याधुनिक तकनीक से लैस बोट्स की जरूरत थी।इसकी जरूरत तब और बढ़ गयी जब चीन ने पांगोंग झील में अपनी बोट्स को उतार दिया और अपनी पकड़ मजबूत कर ली ऐसे में भारतीय सेना ने तत्काल 29 आधुनिक बोट्स का आर्डर दे दिया।
भारतीय सेना ने कुल 29 बोट्स का आर्डर दिया था जिसमे से की 12 बोट्स निगरानी(surveillance) और पेट्रोलिंग के लिए उपयोग की जाएंगी और 17 बोट्स जवानों की तत्काल तैनाती के लिए उपयोग की जाएंगी।प्रत्येक बोट में 20 जवान बैठ सकते हैं व सभी बोट्स अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं।आपको बता दें कि ये सभी बोट्स पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक(Make In India) से भारत मे ही बनाई गई हैं।