
हर छह महीने में होने वाली FATF(Financial Action Task Force) की बैठक से पाकिस्तान को बहुत उम्मीदें होती हैं लेकिन हर बार उसकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है और एक बार फिर से उसे अंतरराष्ट्रीय मंच से निराशा ही हाथ लगी।दरअसल पाकिस्तान आतंकियों का सबसे बड़ा मददगार व पनाहगार है और ये बात पूरी दुनिया जानती है।अब अपने मुल्क में आतंकियों को पनाह देने,आतंकी संगठनों को पैसा मुहैया कराने,क्षेत्र में आतंकवाद फैलाने व अन्य आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाए जाने के कारण पाकिस्तान को FATF ने 2018 में अपनी ग्रे लिस्ट(Grey list) में डाल दिया था।अब हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान को उम्मीद थी कि FATF उसे ग्रे लिस्ट से बाहर निकाल देगा लेकिन इस बार भी पाकिस्तान को निराशा ही हाथ लगी।
FATF द्वारा दिये गए बिंदुओं पर नही किया काम
ग्रे लिस्ट में डालने के बाद FATF ने पाकिस्तान को अपने मुल्क में आतंकी गतिविधियों को रोकने,आतंकी संगठनों को बंद करने,आतंकियों को पकड़ने,आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने व ऐसे ही अन्य 27 बिंदुओं पर काम करने को कहा था और इसके लिए FATF ने पाकिस्तान को कुछ समय दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने FATF द्वारा दिए गए बिंदुओं पर सही से कम नही लिया और इसी के चलते 2018 से पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना हुआ है और अब तक ग्रे लिस्ट से नही निकल पाया।
आपको बता दें कि FATF द्वारा पाकिस्तान को दिया गया समय पहले ही समाप्त हो चुका है लेकिन चीन और टर्की की मदद से पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में जाने से बच जाता है।पाकिस्तान हर बार FATF की बैठक से पहले अपने मुल्क में दिखावे के लिए आतंकियों व आतंकी संगठनों पर कुछ करवाई कर देता है लेकिन फिर भी वह FATF द्वारा दिये गए सभी 27 बिंदुओं पे अभी तक काम नही कर पाया है और इसीलिए इस बार भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया गया है।FATF का कहना है कि अभी भी पाकिस्तान ने एक सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पर काम नही किया है और उसके मुल्क में आतंकियों पर कानूनी करवाई बेहद ढीली है।उन्होंने कहा किसी भी आतंकी को कोई भी कठोर व सख्त सजा आज तक पाकिस्तान की अदालत द्वारा नही सुनाई गई है।
पाकिस्तान को हुआ अरबों डॉलर का नुकसान
FATF की ग्रे लिस्ट में बने रहने के कारण अभी तक पाकिस्तान को लगभग 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है जो कि बहुत बड़ी रकम है और पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए ये किस श्राप से कम नही है।फिलहाल ऐसा लगता है कि भी कुछ और महीनों तक पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
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