तेल की कीमतों ने आधी दुनिया को वैसे ही परेशान करके रखा था और हर बार की तरह लग रहा था कि कुछ वक्त बाद तेल के दामों में गिरावट देखी जाएगी लेकिन अब दूर दूर तक तेल के दामों में गिरावट की कोई उम्मीद नही है।तेल की कीमतों में लगी आग से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत भी है और इसका कारण है भारत के दो दोस्तों में छिड़ी जंग।जी हां इस वक्त भारत के दो दोस्त Saudi और UAE के बीच तेल को लेकर जंग छिड़ी हुई है।
तेल के प्रोडक्शन को लेकर Saudi और UAE में बढ़ा तनाव
Saudi और UAE तेल के सबसे बड़े सौदागर हैं और OPEC+ के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य भी अब तेल निर्यातक देशों के समूह OPEC+ में तेल की प्रोडक्शन को लेकर जंग छिड़ी हुई है जिसमे एक तरफ सऊदी का गुट है तो दूसरी तरफ यू ए ई का।इन दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है जिससे बड़ी मात्रा में तेल आयात करने वाले देशों जैसे भारत पर गंभीर असर पड़ेगा।
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि सारा विवाद तेल के प्रोडक्शन को लेकर है।अब सऊदी अरब ने प्रस्ताव रखा है को तेल का उत्पादन 2022 तक न बढ़ाया जाए जबकि यू ए ई इस प्रस्ताव के विरोध में है।बताते चलें कि सऊदी अरब के तेल उत्पादन न बढ़ाने से ही कच्चे तेल के दामों में आग लगी हुई है।
विवाद का असर दिखने लगा तेल की कीमतों पर
Saudi और UAE दोनों ही देश तेल के बड़े सौदागर है और दुनियाभर के कई देश इनसे तेल आयात करते हैं।साथ ही दोनों हो देश मुस्लिम देशों समेत तेल निर्यातक देशों के समूह यानी ओपेक प्लस OPEC+ में गहरा प्रभाव रखते हैं।ऐसें में दोनों देशों के बीच विवाद का असर तेल की कीमतों ओर न पड़े ऐसा होना नामुमकिन है।इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 77 डॉलर प्रति बैरल पहुँच गया है जो को 2018 के बाद से सर्वाधिक है और यदि इन दोनों देशों के बीच विबाद नही सुलझा तो कीमतों में और उछाल देखा जाएगा।
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