
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ भारत का अभिमान है।यदि आज दुश्मन भारत से डरता है तो उसका कारण डीआरडीओ ही है।भारत आज अगर अपनी रक्षा करने में सक्षम है तो इसका श्रेय डीआरडीओ को ही जाता है।रक्षा क्षेत्र में डीआरडीओ भारत का अभिमान और गर्व है।अब डीआरडीओ ने एक बार फिर से बड़ा काम किया है।दरअसल डीआरडीओ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(AICTE) के सहयोग से रक्षा प्रौद्योगिकी में एमटेक प्रोग्राम लॉन्च करने जा रहा है।
6 विषयों में होगा एमटेक इन डिफेंस
डीआरडीओ ने जो एमटेक प्रोग्राम के अंदर 6 विषय रखें है जिनमे व्हीकल इंजीनियरिंग, एरोस्पेस टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन सिस्टम एंड सेंसर,डायरेक्टेड एनर्जी टेक्नोलॉजी, नवल टेक्नोलॉजी और हाई एनर्जी मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी शामिल है।स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के बाद विद्यार्थी इनमे से किसी भी एक विषय मे विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे।अगले हफ्ते ही इस प्रोग्राम का शुभारंभ होगा।
भारत के रक्षा क्षेत्र को मिलेगी नई सोच और नया आयाम
भारत ने स्वदेशी तौर पर रक्षा उपकरण बनाने में काफी तरक्की की है लेकिन फिर भी आज भी बहुत ऐसे रक्षा उपकरण है जो भारत दूसरे देश जैसे अमेरिका,रूस,फ्रांस आदि से अरबों डॉलर खर्च करके खरीदता है।सबसे बड़ी बात जो भी रक्षा उपकरण भारत मे बनते हैं वो एक दो सरकारी संस्थान जैसे,डीआरडीओ, एच ए एल,आयुध निर्माणी आदि बनाते हैं।रक्षा उपकरणों के मामले में बहुत कम निजी कंपनियों की प्रतिभागिता है।
यदि भारत को वास्तव में एक सुपरपावर बनना है तो भारत को सारे हथियार खुद ही अपने देश में बनने होंगे और हथियार आयातक देशों को सूची से निकलकर हथियार निर्यातक देशों की सूची में आना होगा।डीआरडीओ के इस पहल से हमारी युवा पीढ़ी में रक्षा उपकरणों व विभिन्न रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई तकनीकों को लेकर रुचि बढ़ेगी और भारत के रक्षा क्षेत्र को नई सोच व नया आयाम मिलेगा।
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