
चीन ने प्रकृति से खिलवाड़ करने का अपने रवैया छोड़ा नही है।चीन आये दिन कुछ न कुछ ऐसे प्रयोग करता रहता है जिससे या तो प्रकृति को या फिर मानवता को खतरा होता है।अब इसी कड़ी में चीन ने एक नया प्रयोग या यूं कहें कि अविष्कार(invention) किया है और यह अविष्कार है कृत्रिम सूरज(artificial sun).
दरअसल चीन ने यह दावा किया है कि उसने सूरज से भी ज्यादा गर्म व तेज कृत्रिम सूरज बना लिया है।चीन यह दावा करता है कि उसके वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया कृत्रिम सूरज असली सूरज से 10 गुना ज्यादा ताकतवर है व उससे कहीं अधिक ऊर्जा प्रदान कर सजता है।
अविष्कार सदैव ही मानव की भलाई के लिए किए जाते है परंतु जब अविष्कार प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके किये जायें तो इसके पूरे दुनिया को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।कोरोना वायरस और कुछ नही बल्कि चीन द्वारा प्रकृति से किये गए खिलवाड़ का ही नतीजा है और इसका मानवता पे क्या असर पड़ा है ये सब भली भांति जानते हैं।
जाने कृत्रिम सूरज से जुड़ी कुछ एहम बातें:
चीन के आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों द्वारा बनाये गए नकली सूरज ने 10 सेकंड के लिए 16 करोड़ डिग्री सेल्सियस तामपान पर पहुचकर सारे रिकॉर्डर(record) तोड़ दिए।इसिनके साथ इस नकली सूरज ने 100 सेकंड तक 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान को बरकरार रखा।
इसे चीन के सबसे बड़े और सबसे उन्नत परमाणु संलयन प्रायोगिक अनुसंधान उपकरण के द्वारा बनाया गया है जो कि गर्म प्लाज़्मा(plasma) को फ्यूज़(fuse) करता है तथा प्राकर्तिक सूरज व सितारों के होने वाली परमाणु संलयन प्रक्रिया को दोहराता है।इसी वजह से ये असली सूरज की भांति अत्यधिक गर्मी व ऊर्जा निकालता है।
और कहां ऐसे प्रयोग चल रहे हैं?
इस तरह के प्रयोग चीन के अलावा अन्य कई देश जैसे फ्रांस(France) व दक्षिण कोरिया(South Korea) भी कर रहें है।हालांकि फ्रांस के इस प्रयोग को पूरा होने में थोड़ा समय लगेगा जबकि दक्षिण कोरिया ने कुछ समय पहली ही अपने कृत्रिम सूरज का सफल परीक्षण कर लिया था।
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