
चीन इस समय दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की सूची में शामिल हो गया है और चीन की सफलता के पीछे उसकी विशाल जनसंख्या का हाथ था।और आबादी वहां बूढ़े लोगो की संख्या में तेज वृद्धि देखी गयी है।
चीन के लिए चिंता का विषय न सिर्फ उसकी बढ़ती हुई बूढ़ी आबादी है बल्कि उसकी जनसंख्या में युवाओं की संख्या में भी भारी कमी देखी गयी है।ये देश के लिए भविष्य में बड़ी मुसीबत बन सकती है।
चीन की विशाल आबादी को देखते हुए हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने लोगों को आदेश दिया था की सिर्फ एक ही बच्चा पैदा करें।लेकिन ये योजना पूरी तरह से विफल हो गयी।इस योजना का उल्टा असर पड़ने लगा और देश के जनसंख्या में कमी देखी जाने लगी।
क्या है पूरा मामला?
किसी भी देश की तरक्की और विकास के पीछे उसकी जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण किरदार होता है या यूं कहें कि किसी देश की जनसंख्या ही उसका सब कुछ है।
चीन का भी तेजी से विकास और तरक्की के पीछे उसकी विशाल जनसंख्या का ही हाथ है।अपनी विशाल जनसंख्या की वजह से ही देश दुनिया की हर चीज बनाने में सक्षम है।देश की विशाल जनसंख्या के कारण ही वहां हर वस्तु बहुत जल्दी बनती है व बहुत सस्ती पड़ती है।
इसी को देखते हुए चीन की सरकार ने वहां के लोंगो को तीन बच्चे पैदा करने की खुली छूट दे दी है।इससे एतिहासिक फैसला बताया जा रहा है चूंकि आगे चलकर इस फैसले से देश को काफी फायदा होगा,खासकर की उसकी अर्थव्यवस्था को।
चीन की जनसंख्या का विवरण:
चीन की नई जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश की इस वक्त आबादी 1.41178 अरब हो गयी है जो कि 2019 की तुलना में 0.53 फीसदी ज्यादा थी।
इन्हीं आंकड़ों से पता चला है कि देश में बूढ़े लोगों की संख्या बढ़कर 26.4 करोड़ हो गयी है जो कि एक चिंता का विषय है।इसके साथ ही यह अनुमान लगाया गया है अगले एक से दो साल में देश की आबादी घटना शुरू हो जाएगी।
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