क्लब हाउस चैट में आर्टिकल 370 पर बयान देकर घिरे दिग्विजय सिंह के बयान पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस ने क्लब हाउस चैट में दिग्विजय सिंह की जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने से संबंधित बयान को लेकर खड़े हुए विवाद को लेकर उन्हें परोक्ष रूप से नसीहत दी और कहा कि जम्मू-कश्मीर पर पार्टी का रुख जानने के लिए तमाम वरिष्ठ नेता कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की ओर से अगस्त, 2019 में पारित प्रस्ताव को देखें।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने क्लब हाउस चैट के दौरान यह बयान देके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना बहुत ही दुखद है तथा उनकी पार्टी इस पर पुनर्विचार करेगी। उनकी इस टिप्पणी को लेकर भाजपा ने निशाना साधा और कांग्रेस पर भारत के खिलाफ बोलने तथा पाकिस्तान की ‘हां में हां’ मिलाने का आरोप लगाया।
दिग्विजय सिंह की इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘छह अगस्त, 2019 को कांग्रेस कार्य समिति ने जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रस्ताव पारित किया था। कांग्रेस का रुख उसी प्रस्ताव में है। तमाम वरिष्ठ नेताओं से अपील है कि वे उस प्रस्ताव को देखें।’ सीडब्ल्यूसी के उस प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के सरकार के तरीके को मनमाना और अलोकतांत्रिक करार देते हुए यह कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा चीन के अधीन एक भूभाग भी भारत का अभिन्न हिस्सा है।
कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 370 को जिस मनमाने और अलोकतांत्रिक ढंग से हटाया गया है, उसकी सीडब्ल्यूसी निंदा करती है। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया था कि सरकार के इस तरीके से संवैधानिक कानून के हर सिद्धांत, राज्यों के अधिकारों और लोकतांत्रिक शासन प्रक्रिया का हनन किया गया है।
उधर, दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘अनपढ़ लोगों की जमात को ‘शैल (करेंगे) और ‘कंसिडर (विचार करना) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता।’ गौरतलब है कि संसद ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दी थी।