भारत अभी कोरोना महामारी की भयानक दूसरी लहर से उबर भी नही पाया थी कि भरतीय लोगों पर एक और खतरनाक और गंभीर बीमारी का साया मंडराने लगा।ये बीमारी और कुछ नही बल्कि फंगस(Fungus) है जो की अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे ब्लैक,वाइट व येल्लो फंगस।अब कुछ फंगस मानव शरीर को नुकसान नही पहुँचाते तो कुछ जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।
इन्ही जानलेवा प्रजाति के कुछ फंगस ने भारत में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।इनमे से सबसे पहले ब्लैक फंगस(Black Fungus) भारत मे मिला।ब्लैक फंगस के बाद सफेद व उसके बाद येलो फंगस मिला जिसने दुनिया भर के विषेशज्ञों को सकते में दाल दिया।
क्या है ये ब्लैक,वाइट और येल्लो फंगस?
ये तीनों ही फंगस के प्रकार बस इनके लक्षणों व इनके अटैक साइट में मूली सा अंतर है।तीनों का ही इलाज संभव है परंतु अगर समय रहते इसपे ध्यान न दिया जाए तो ये बेहद घातक व जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।
ब्लैक फंगस(Black Fungus): यह फंगस प्रमुखतः साइनेस, ब्रेन और आंख पर हमला करता है और सही समय पर इलाज न करने पर यह उस अंग को नष्ट कर देता है ओर जान भी ले सकता हैं।
वाइट फंगस(White Fungus): वाइट फंगस आम तौर पर ई सी यू में भर्ती मरीजों में पाया जाता है और ये सीधे मानव फेफड़ों पे हमला करता है उसके बाद धीरे धीरे अन्य अंगों में पहुंच जाता है।
येल्लो फंगस(Yellow Fungus):येल्लो फंगस नए प्रकार के फंगस है और ये ब्लैक व वाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक है।डॉक्टरों के पास भी इससे जुड़ी जानकारी ज्यादा मौजूद नही है।अभी तक यह इंसानों में नही पाया जाता था।
ब्लैक,वाइट व येलो फंगस से बचने के उपाय?
ये तीनों फंगस ही कमजोर इम्युनिटी वाले लोगो पर ज्यादा हमलव करता है।साथ ही जिनकी इन्सुलिन बढ़ी होती है या जो लोग स्टेरॉयड लेते है उनको इससे ज्यादा खतरा है।ये हवा के जरिये फैलता है और सामान्य वातावरण में हमारे आस पास ही रहता है।गंदी और धूल धक्कड़ में इसके पाए जाने के सर्वाधिक साक्ष्य मिलें हैं।
इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है अपनी इम्युनिटी को स्ट्रांग रखें व धूल धक्कड़ वाली जगहों पे जाने से बचें। एक बात का और विशेष ध्यान रखें अपनी डायबटीज़ को संतुलित रखें,व स्टेरॉयड लेने स बचें।गार्डन,खुली जगहों व पब्लिक प्लेसेस पर अपने शरीर को अच्छे से ढक के ही जाएं।
भारत में क्या स्थिति है ?
भारत मे सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के केस मिलें है और लगभफ सभी राज्यों में ब्लैक फंगस के एक्टिव केस मौजूद है।हालांकि वाइट और येलो फंगस के बहुत कम केस भारत मे मिलें है और बहुत कम राज्यों में इनके एक्टिव केस मौजूद हैं।
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