कोरोना की वजह से 2020 अब तक के सबसे मनहूस सालों में से एक रहा है जिसमें पूरी दुनिया मानो थम सी गयी थी।दुनिया का ऐसा कोई देश नही था जहाँ कोरोना ने अपना कहर न बरपाया हो।दुनिया के सभी देश अपने लोगों की जान बचाने में लगे हुए थे व ज्यादा से ज्यादा जनता की सेहत पे ध्यान दे रहे थे।इसके बावजूद दुनिया मे शायद ही ऐसा कोई देश हो जिसने हथियारों पे करोड़ो रूपये न फूंके हो।
ठीक ऐसा ही कुछ हाल दुनिया को खत्म करने की ताकत रखने वाले परमाणु हथियारों के साथ भी हुआ है।जहां साल 2020 में मानवता खतरे में पड़ गयी थी उसके बावजूद भी पृथ्वी पर से जीवन खत्म करने वाले परमाणु हथियारों और अरबों रुपये फूंके गए।एक प्रसिद्ध वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में परमाणु हथियारों और खर्च करी जाने वाली राशि मे वृद्धि हुई है और कोरोना महामारी का इसपर कुक्ज खास असर नही हुआ है।
किसने कितना किया खर्च?
हथियारों की बात हो तो भला अमेरिका कैसे पीछे रह सकता है।जी हाँ इस सूची में भी अमेरिका ने बाजी मारी है।शरुआत से ही विश्व में सबसे ज्यादा हथियारों पर फिर चाहे वो परमाणु हो या पारंपरिक अमेरिका ही खर्च करता आया है।इस वर्ष भी अमेरिका ने सबसे ज्यादा 37.4 बिलियन डॉलर अपने परमाणु हथियारों के जखीरे पर खर्च किया।
अब जाहिर सी बात है अमेरिका को टक्कर देने के लिए चीन हर छेत्र में आगे खड़ा है और इसिलए अमेरिका के बाद चीन ने सबसे ज्यादा अपने परमाणु हथियारों और खर्च किया है।चीन अमेरिका के बाद एक मात्र ऐसा देश है जिसने 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा हथियारों और खर्च किए।चीन के बाद इस सूची में ब्रिटेन है जिसने 6.2 बिलियन डॉलर व फ्रांस ने 5.7 बिलियन डॉलर खर्च किये।
भारत ने परमाणु हथियारों पर कितना खर्च किया?
भारत ने भी 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की राशि अपने परमाणु हथियारों पर खर्च किये जो कि बाकी के देशों से काफी कम है इसका कारण है भारत के लिए मानवता सबसे ऊपर है।जहाँ पाकिस्तान जैसा देश भारत के बराबर हथियारों पर खर्च कर रहा है तो वहीं भारत दुनिया मे वैक्सीन बाट रहा है।
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