अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने का नाम नही ले रहा है और दिन प्रतिदिन ये तनाव बढ़ता ही जा रहा है।जिन लोगों को ये लग रहा था कि बाइडेन प्रशाशन चीन पर नरम रहेगा और ट्रम्प प्रशाशन की तरह चीन की बढ़ती आक्रामकता को नही रोकेगा उनके लिए ये बुरी खबर हो सकती है।बाइडेन प्रशाशन चीन को हर मोर्चे पर चुनौती देने के लिए खड़ा है और अमेरिका साउथ चाइना सी यानी दक्षिण चीन सागर में चीन की मनमानी को रोकने के लिए आर पार की सोच रहा है।अभी हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री ने चीन को फिलीपींस को लेके चेताया है।
फिलीपींस पर हुआ हमला तो अमेरिका देगा साथ
अमेरिका ने दशकों पूर्व फिलीपींस के साथ कि गयी संधि का हवाला देते हुए कहा कि फिलीपींस पे हमला अमेरिका को फिलीपींस की तरफ से युद्ध लड़ने पर मजबूर कर देगा और चीन की भलाई इसी में है कि फिलीपींस से दूर हो रहे।आपको बता दें कि अमेरिका और फिलीपींस के बीच 1951 में म्यूच्यूअल डिफेंस संधि हुई थी जिसके अंतर्गत हमले की स्थिति में दोनों देश के दूसरे का साथ देंगे और प्रशांत क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए दोनों देश एक साथ काम करेंगे।
चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को बताता है अपना
चीन की विस्तार नीति सिर्फ जमीन तक ही सीमित नही है बल्कि चीन समुद्र में भी अपनी विस्तार नीति को आगे बढ़ा रहा है।चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत मानता है और मनमाने तरीके से पूरे क्षेत्र में अपने लड़ाकू जहाजों और पनडुब्बियों को भेजता रहता है।बता दें कि समुद्री सीमा को लेकर चीन का दक्षिण चीन सागर में स्थित के अन्य देश जैसे वियतनाम,फिलीपींस,ताइवान आदि से विवाद चल रहा है।ऐसे में चीन अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए कई बार इन छोटे देशों को डराता व हमला करने की धमकी देता रहता है।इसी को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव गहराता जा रहा है और कई बार चीन और अमेरिका के लड़ाकू जहाज़ दक्षिण चीन सागर में आमने सामने युद्ध अभ्यास करते रहते हैं।