
इस वक्त दुनिया मे अफ़ग़ानिस्तान पूरी दुनिया मे चर्चा का विषय बना हुआ है,सभी प्रमुख देशों की नज़र इस वक्त अफ़ग़ानिस्तान पर है।इस समय अफ़ग़ानिस्तान का मुद्दा एक बार फिर से दुनिया मे सबसे संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है और अमेरिकी सेना की अफ़ग़ानिस्तान से वापसी एशिया समेत पूरी दुनिया के लिए एक चिंता का विषय।अभी अमेरिकी सेना पूरी तरह से अफ़ग़ानिस्तान से निकल भी नही पायी है कि तालिबान ने अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया है।
जैसे जैसे अमेरिकी सैनिक अफ़ग़ानिस्तान छोड़ रहें है वैसे वैसे तालिबान के शहरों और अपना कब्जा करता जा रहा है।अमेरिकी सैनिक इतनी जल्दबाज़ी में अफ़ग़ानिस्तान छोड़ रहें है कि वे क्या भूल रहे है और क्या छोड़ के जा रहें है इसपे उनका कोई ध्यान नही।कुल मिला के अमेरिकी सैनिक बिना किसी योजना के जल्दबाज़ी में अफ़ग़ानिस्तान से वापिस जा रहे हैं जिसका फायदा तालिबान को मिल रहा है।
अमेरिकी बेस पर का कब्ज़ा
अमेरिका ने एक ऐसी बोल कर दी जिसकी उससे उम्मीद नही की जा रही थी।अमेरिकी सेना एक प्रोफेशनल सेना है तथा उनसे इस प्रकार की भूल की उम्मीद नही थी।दरअसल अमेरिकी सैनिक इतनी जल्दबाज़ी में अफ़ग़ानिस्तान छोड़ रहें है कि वे अपने मिलिट्री बेस ऐसे ही छोड़ के जा रहें है।अमेरिका के आधुनिक और मजबूत मिलिट्री बेस अब तालिबान के कब्जे में आ गए हैं क्योंकि अमेरिकी सैनिक अपने मिलिट्री बेस(Military Base) को बिना अफ़ग़ानिस्तान की सेना के हवाले किये चले गए।अब जैसे ही अमेरिकी सैनिक गए तालिबान ने उन मिलिट्री बेस को कब्ज़ा लिया और अपनी पकड़ और मजबूत बना ली।
कई अमेरिकी तोप और बख्तरबंद गाड़ियों पर तालिबान का कब्ज़ा
बात सिर्फ मिलिट्री बेस तक ही सीमित नही थी।दरअसल जो अमेरिकी तोप और बख़्तरबंद गाड़ियां अमेरिका के हिसाब से पुरानी हो चुकीं थी उसे अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में ही छोड़ दिया।अब जाहिर है अमेरिका के हथियार दुनियाभर में सबसे आधुनिक,घातक और अच्छी क्वालिटी के होते है।अब ऐसे में भले ही ये हथियार अमेरिका के लिए पुराने हो गए हों लेकिन तालिबान के लिए तो वह किसी वरदान से कम नही।यही अमेरिका की सबसे बड़ी भूल हो गयी।तालिबान ने करीब 700 से भी ज्यादा बख्तरबंद गाड़ियां,तोप और कई अन्य हथियारों पर कब्ज़ा कर लिया जिससे उसकी ताकत में और इजाफा हुआ।
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